रूखसार पर बिखरी हल्की सी मुस्कान हो तुम । आँखो का नूर हो तुम पलकों की शान हो तुम।। हर लम्हा ,सिर्फ तुम्हारी यादों में बीत जाता हैं, फिर भला क्यूँ ना कहूँ जीने.
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