Adhure Vakya Writing Contest
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#शायरी #shayari_dil_se #adhure_khyaal #AdhureVakya #story   मन की आखों से देखों क्योंकि हमें तो लगाl 
  हमें तो लगा था हम भूल गये उसकोl 
ये बहमl था या हकीकतl 

ना जानेl 

फिर आज उसे देख ये आँखों में पानी 
 क्यूँ आयाl

©गुरु देव

#AdhureVakya #adhure_khyaal #shayari_dil_se #story @Madhusudan Shrivastava भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन @Aftab Khan विवेक ठाकुर "शाद" @Lalit Saxena खामोशी और दस्तक कवि संतोष बड़कुर @Mukesh Poonia @Aditya Kumar @Anshu writer @narendra bhakuni कुमार रंजीत (मनीषी) @GRHC~TECH~TRICKS Anjali Yadav अहिरानी Lucknow LoVe YoU # @Khan sir motivational hardik rapper singer @ad sanjay kumar prajapati @Navab Mohammed Naqvi. Ramesh (rs)raj...... डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विश

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#AdhureVakya   मन की आखों से देखों क्योंकि हमारी आंखें तो अक्सर जो देखे वही मान बैठती हैं मन की आंखें ही गलत और सही की पहचान करती है

©kunti sharma

#AdhureVakya

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मन की आखों से देखों क्योंकि उनकी बाते सुनते सुनते आंखो में अश्क बहुत आते है। उनसे दूर होने के गम में ये अश्क अब बह जाते है। ©Dhiraj Singh

#AdhureVakya #Quotes  मन की आखों से देखों क्योंकि उनकी बाते सुनते सुनते
आंखो में अश्क बहुत आते है।
उनसे दूर होने के गम में
ये अश्क अब बह जाते है।

©Dhiraj Singh

#AdhureVakya #Nojoto

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मन की आखों से देखों क्योंकि दुनिया बहुत दिखावटी है दुखों को छुपा कर रखते हैं यहां मुस्कानें बस सजावटी हैं ©Reema K Arora

#नयाशौक #शायरी #AdhureVakya  मन की आखों से देखों क्योंकि दुनिया बहुत दिखावटी है
दुखों को छुपा कर रखते हैं
यहां मुस्कानें बस सजावटी हैं

©Reema K Arora

मन की आखों से देखों क्योंकि किरदार सभी फ़िलहाल नशे मॆं हैं ‘ख़ब्तुल’... कहानी सॆ मॆरी बातचीत चल रही है..। - ख़ब्तुल संदीप बडवाईक ©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3

#मराठीसस्पेन्स  मन की आखों से देखों क्योंकि किरदार सभी फ़िलहाल नशे मॆं हैं ‘ख़ब्तुल’...
कहानी सॆ मॆरी बातचीत चल रही है..।


                      - ख़ब्तुल
                   संदीप बडवाईक

©sandeep badwaik(ख़ब्तुल) 9764984139 instagram id: Sandeep.badwaik.3

कहानी

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मन की आखों से देखों क्योंकि कुएं में एक मेढ़क रहता था, उसने सिर्फ यही दुनिया देखी थी। आकाश भी उतना ही देखा था,जितना कुए के अंदर से दिखाई देता है, इसलिए उसकी सोच का दायरा छोटा था तभी अचानक नीचे पानी के रास्ते से वहां समुद्र की एक छोटी सी मछली आ पहुंची तो उन दोनों की बातचीत हुई ।मछली ने पूछा कि तुम्हें पता है समुद्र कितना बड़ा है?मेंढक ने एक छलांग लगाई और बोला इतना होगा मछली बोली नहीं,कि बहुत बड़ा है। मेढ़क ने फिर एक किनारे से आधे हिस्से तक छलांग लगाई बोला उतना होगा फिर मछली बोली कि नहीं।अबकी बार मेंढक ने अपना पूरा जोर लगाते हुए एक सिरे से दूसरे सिरे तक छलांग लगाई और बोला इससे बड़ा हो ही नहीं सकता,मछली बोली नहीं समुद्र इससे बहुत बड़ा है। मेढ़क को विश्वास ही नहीं हुआ,उसको लगा कि मछली झूठ बोल रही है। दोनों ही अपनी -अपनी जगह सही थे अंतर था तो उनकी सोच में मेंढक की सोच थी जिस वातावरण में रहता था ठीक वैसी ही थी।जिस माहौल में हम रहते है ,हमको लगता है,यही जीवन की सच्चाई है,लेकिन हम गलत हैं।हमें अपनी सोच का दायरा बढ़ाना होगा और मछली की बात से सीखना होगा।हम जीवन में उतारते हैं तो यकीनन हमारी सोच का दायरा बढ़ने के साथ-साथ हम भी आगे बढ़ते रहेंगे। ©S Talks with Shubham Kumar

#विचार #AdhureVakya  मन की आखों से देखों क्योंकि कुएं में एक मेढ़क रहता था, उसने सिर्फ यही दुनिया देखी थी। आकाश भी उतना ही देखा था,जितना कुए के अंदर से दिखाई देता है, इसलिए उसकी सोच का दायरा छोटा था तभी अचानक नीचे पानी के रास्ते से वहां समुद्र की एक छोटी सी मछली आ पहुंची तो उन दोनों की बातचीत हुई ।मछली ने पूछा कि तुम्हें पता है समुद्र कितना बड़ा है?मेंढक ने एक छलांग लगाई और बोला इतना होगा मछली बोली नहीं,कि बहुत बड़ा है। मेढ़क ने फिर एक किनारे से आधे हिस्से तक छलांग लगाई बोला उतना होगा फिर मछली बोली कि नहीं।अबकी बार मेंढक ने अपना पूरा जोर लगाते हुए एक सिरे से दूसरे सिरे तक छलांग लगाई और बोला इससे बड़ा हो ही नहीं सकता,मछली बोली नहीं समुद्र इससे बहुत बड़ा है। मेढ़क को विश्वास ही नहीं हुआ,उसको लगा कि मछली झूठ बोल रही है। दोनों ही अपनी -अपनी जगह सही थे अंतर था तो उनकी सोच में  मेंढक की सोच थी जिस वातावरण में रहता था ठीक वैसी ही थी।जिस माहौल में हम रहते है ,हमको लगता है,यही जीवन की सच्चाई है,लेकिन हम गलत हैं।हमें अपनी सोच का दायरा बढ़ाना होगा और मछली की बात से सीखना होगा।हम जीवन में उतारते हैं तो यकीनन हमारी सोच का दायरा बढ़ने के साथ-साथ हम भी आगे बढ़ते रहेंगे।

©S Talks with Shubham Kumar

मछली और मेंढक की सोच #AdhureVakya

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