Maharana Pratap Jayanti
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जिसके भय से मृत्यु भी रण छोड़े ऐसा वो शूरवीर हुआ, मां जयवंता की गोद में एकलिंग का लिखा तकदीर हुआ, घास की रोटी और तानसेन के स्वर जिसके स्वाभिमान के गवाही हो, मुगलों के दौर में आजादी का ख्वाब लिए मेवाड़ी एक रणवीर हुआ। ©Shivam Singh Rajput

#कविता #शायरी #maharanapratap #shayri #Shayar  जिसके भय से मृत्यु भी रण छोड़े ऐसा वो शूरवीर हुआ,

मां जयवंता की गोद में एकलिंग का लिखा तकदीर हुआ,

घास की रोटी और तानसेन के स्वर जिसके स्वाभिमान के गवाही हो,

मुगलों के दौर में आजादी का ख्वाब लिए मेवाड़ी एक रणवीर हुआ।

©Shivam Singh Rajput

#maharanapratap #shayri #Shayar #शायरी महाराणा प्रताप की जयंती पर खास पेशकश।

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सूर्यवंशियों का सूरज होगी जिसकी शाम नहीं, त्याग दिया महलों का वैभव लेकिन बना गुलाम नहीं।। अदम्य, अद्वितीय,अपराजित,आजीवन स्वतंत्र, हिंदुआ सूरज वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती पर शत् –शत् नमन 🙏🙏🙏 ©Gaurav Singh Syaan Ranjha

#मोटिवेशनल #MaharanPratapJayanti  सूर्यवंशियों का सूरज होगी जिसकी शाम नहीं,
त्याग दिया महलों का वैभव लेकिन बना गुलाम नहीं।।


अदम्य, अद्वितीय,अपराजित,आजीवन स्वतंत्र, हिंदुआ सूरज वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती पर शत् –शत् नमन
🙏🙏🙏

©Gaurav Singh Syaan Ranjha

रण को त्यागा नहीं, युद्ध से भागा नहीं। तन को विश्राम नहीं दिया , रक्त की अन्तिम बूंद तक युद्ध को वीराम नहीं दिया। ©Siddharth Chaturvedi

#MaharanPratapJayanti #SiddharthChaturvedi #Motivational #shayri  रण को त्यागा नहीं, युद्ध से भागा नहीं।
तन को विश्राम नहीं दिया ,
रक्त की अन्तिम बूंद तक युद्ध को वीराम नहीं दिया।

©Siddharth Chaturvedi
#MaharanPratap  एक का सर काटे,
दो कट जावे,
तीसरा भय खा के
मर जावे,
Be Maharana Pratap,Be Brave

©Abhishek Jha

#MaharanPratap

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#MaharanPratapJayanti  बलिदानी स्वाभिमानी, वन्दनीय अनुगामी
ओज का प्रतीक काल रूप अविराम है ।
युद्ध में प्रचण्ड सूर्य, जैसे तेजवान तूर्य
महाबलशालियों में, राणा जी का नाम है ।
राष्ट्र हित घास की भी, रोटियाँ जो खाके जिए
ऐसे धीर की नजीर , त्यागी को सलाम है । 
सूरवीर बलवीर, महावीर रणधीर
वीरों में भी वीर महाराणा को प्रणाम है ।।

©RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित'

সুমন্ত্র কানে বাজে। কুমন্ত্র মাথা খায়। মন্ত্রণাদাতা সবসময় গুরুত্ব চায়। তাই আনুষ্ঠানিকতার আয়োজন। হৃদয় দুহাত তোলে। যে ব্যক্তি স্বেচ্ছায় নিজের পছন্দমত একটা হাত নামায় সে-ই শেষপর্যন্ত শ্রেষ্ঠত্বের শিরোপা পায়। ©SHIB SANKAR MAITRA

#চিন্তা #Quote  সুমন্ত্র কানে বাজে। কুমন্ত্র মাথা খায়। মন্ত্রণাদাতা  সবসময় গুরুত্ব চায়। তাই আনুষ্ঠানিকতার আয়োজন। হৃদয় দুহাত তোলে। যে ব্যক্তি স্বেচ্ছায় নিজের পছন্দমত একটা হাত নামায় সে-ই শেষপর্যন্ত শ্রেষ্ঠত্বের শিরোপা পায়।

©SHIB SANKAR MAITRA

#Quote

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