सुनो जान, एक हसरत हैं मेरी , ख़्वाहिश-ए-ज़िन्दगी बस इतनी सी हैं कि, ना क़भी बदले ये लम्हा, ना बदले ख़्वाहिश हमारी हम दोनों हमेशा रहे एक दूसरे के, जैसे तुम चाहत और म.
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