तुम्हें आता नहीं हंसना तुम हमारी दुनिया के नहीं,
सच कहता हूं मैं हां तुम मनहूश हो।
तुम्हें हक नहीं है जीने का हमारी वस्तियों मैं,
जाओ कैद हो जाओ और खुदखुसी कर लो क्योंकि तुम मनहूश हो।
तुम्हारे सामने आ जाने से दिल की धड़कनें रुकती हैं,
हां मैं मानता हूं की तुम मनहूश हो।
शक्ल देखकर तुम्हारी राहें बदलनी पड़ती है हमें हम सफर रोक देते हैं,
क्योंकि ये कैसे मानना छोड़ दें कि तुम मनहूश हो।
भले ही हो जो भी दुख तुम्हारा क्या मतलब तुम आंसुओं की बाढ़ करदो,
हमसे दूर रहना तुम क्योंकि तुम मनहूश हो।
क्या करेंगे जानकर तुम्हारी दास्तां हम ओ मारे गए परिंदे,
तुम इसी काबिल हो क्योंकि तुम मनहूश हो।
हम नहीं छोड़ेंगे करना तंज तुम पर कसना ताने,
हक है हमारा तुम्हें जीतेजी मार डालना क्योंकि तुम मनहूश हो।
नोच डालेंगे तुम्हारी रूह को हम तुम्हारा जिस्म तो बचेगा ही क्या,
शिकायत क्या करते हो जानते नहीं क्या कि तुम मनहूश हो।
तुम्हारी हर एक चीख को हम सुनेंगे महफिल सजाकर,
और तुम्हारी अर्थी पर हसेंगे क्योंकि तुम मनहूश हो।
©Consciously Unconscious
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