हाय ! कितना प्यारा है एहसास, ये जो सिन्दूर और मंगलसूत्र का साज है..... ऐ दिल ! सम्भल जा जरा, मोहब्बत का शायद ये आगाज है..... रह जाती है यहाँ मोहब्बत अधूरी, सच्च.
1 Stories
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here