मैं सोचती हूं अगर तुम साथ ना होते तो क्या होता,
ना ये धड़कने होती ना तुम्हारा अहसास होता, ना तुम मुझे अपनाते ना मुझे तुम्हारा ख्याल होता , ना जीने की चाह होती ना मरने का अरमान होता ।।
मैं सोचती हूं अगर तुम साथ ना होते तो क्या होता।।
ना ये जुबां होती ना होठों पे तुम्हारा नाम होता, ना ये धरती होती ना आसमान हमारा होता, ना आंखों में नमी होती ना खामोशी मे इज़हार होता,
मैं सोचती हूं अगर तुम साथ ना होते तो क्या होता,
ना मुलाकात तुमसे होती ना तुम्हारे साथ जीने का ख़्वाब होता, ना मोहब्ब्त तुमसे बेशुमार होती ना तुम्हारे आने का इंतज़ार होता ना जीत तुम्हारी होती ना हम जैसा कोई हारा होता,
मैं सोचती हूं अगर तुम साथ ना होते तो क्या होता।।
©G.S
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