हाल तो सभी पूछ लेते हैं मगर,
दिल कितनों से कह पता है
मैं ठीक नहीं हुं,
या मुझे है कोई परेशानी,
दर्द से हर पल तड़प रहा हूं
मगर अक्सर जब कोई पूछता है,
कैसे हो? हाल चाल कैसा है,
दिल झट से कहता है
मैं ठीक हुं..
काश कभी कोई सचमुच
दिल का हाल जानना चाहे,
और दिल कहे मैं ठीक नहीं हुं..
कोई बातें इसे इस तरह की,
हर परत खुल जाए, हर बात जो दबी थी
खुलकर कही जा सके.
और तब कोई पूछे हाल तो दिल कहे,
हां मैं खुश हूं..
©Lata Sharma सखी
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