Aazaadi
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#AazaadParinde  साथ चलोगे तो साथ ही मिलेगा
क़ैद करोगे  तो नफ़रत ही मिलेगी

अपने पर देने क्यूँ न पड़े उन्हें उड़ने के लिए
निभाओगे साथ तो बेशक़ मोहब्बत ही मिलेंगी

यूँ जबरदस्ती से शायद तुम्हारे हो भी जाये
पर शिफारिश से सिर्फ़ शोहरत ही मिलेंगी

जीतनी ऊँची होगी आसमान में उड़ान उतने याद आओगे
पर सुकून सिर्फ़ धरती पर ही मिलेगी

कैद करने से पहले आज़ाद करना सीखो
कुछ कहने से पहले बात करना सीखो

ज़रूरी नहीं कि सही गलत का भेद कह कर बताया जाए
क़भी क़भी दूसरों को समझाने से अच्छा खुद समझना सीखो

©Sonu Goyal

❣️❣️👇 मुझे नहीं पता मैं क्या लिखती हुँ पर इतना जानती हूँ कि ज्यादातर मैं महसूस करके लिखती हूँ मेरी लेखनी में काल्पनिक से ज्यादा वास्तविकता ज्यादा होती हैं लिखने से पहले उस लम्हें में जीती हूँ इसलिये हर कोई समझ पाए इसकी उम्मीद करना गलत हैं क्योंकि सबके अपने अपने भाव होते हैं और उस भाव से जुड़ी भावना को समझने के लिए उस भाव को जीना पड़ता हैं

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उसकी गली का कोना आते ही, दूसरी गली को मूड जाना है मुझको | उसकी बेवफाई का तोड़ कर पिंजरा, बेखोफ़ महफिलों मैं उड़ जाना है मुझको। ©ANAM SIDDIQUI

#Bewafa  उसकी गली का कोना आते ही,
दूसरी गली को मूड जाना है मुझको |
उसकी बेवफाई का तोड़ कर पिंजरा,
बेखोफ़ महफिलों मैं उड़ जाना है मुझको।

©ANAM SIDDIQUI

pinjar A poetry by ANAM SIDDIQUI #Bewafa

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नादान परिंदे की दास्तां पिंजरें में बंद करके मुझको, तुम क्यूं अत्याचार करतें हो, मैं तो हूं इक नादान परिंदा, मेरी नादानी पर तुम क्यूं वार करतें हो, पिंजरें में बंद करके मुझको, तुम क्यूं अत्याचार करतें हो। पिंजरे में बंद करके मुझकों, तुम क्यूं अत्याचार करते हो, मैं तो हूं आकाश में उड़ने वाला परिंदा, मेरे पंखों की उड़ान को तुम क्यूं बेकार करतें हो, पिंजरे में बंद करके मुझको, तुम क्यूं अत्याचार करतें हो। पिंजरें मैं बंद करके मुझकों, तुम क्यूं अत्याचार करतें हो, मैं तो हूं भगवान का डाकिया, मुझ पर फिर तुम क्यूं प्रहार करतें हो, पिंजरे में बंद करके मुझको, तुम क्यूं अत्याचार करतें हो। पिंजरे में बंद करके मुझकों, तुम क्यूं अत्याचार करते हो, मैं तो हूं इक आजाद परिंदा, मुझको फिर तुम क्यूं गुलाम करतें हो, पिंजरे में बंद करके मुझको, तुम क्यूं अत्याचार करतें हो।। ©Meenakshi Sharma

#कविता  नादान परिंदे की दास्तां

पिंजरें में बंद करके मुझको,
तुम क्यूं अत्याचार करतें हो,
मैं तो हूं इक नादान परिंदा,
मेरी नादानी पर तुम क्यूं वार करतें हो,
पिंजरें में बंद करके मुझको,
तुम क्यूं अत्याचार करतें हो।
पिंजरे में बंद करके मुझकों,
तुम क्यूं अत्याचार करते हो,
मैं तो हूं आकाश में उड़ने वाला परिंदा,
मेरे पंखों की उड़ान को तुम क्यूं बेकार करतें हो,
पिंजरे में बंद करके मुझको,
तुम क्यूं अत्याचार करतें हो।
पिंजरें मैं बंद करके मुझकों,
तुम क्यूं अत्याचार करतें हो,
मैं तो हूं भगवान का डाकिया,
मुझ पर फिर तुम क्यूं प्रहार करतें हो,
पिंजरे में बंद करके मुझको,
तुम क्यूं अत्याचार करतें हो।
पिंजरे में बंद करके मुझकों,
तुम क्यूं अत्याचार करते हो,
मैं तो हूं इक आजाद परिंदा,
मुझको फिर तुम क्यूं गुलाम करतें हो,
पिंजरे में बंद करके मुझको,
तुम क्यूं अत्याचार करतें हो।।

©Meenakshi Sharma

नादान परिंदे की दास्तां

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सारी की सारी मोहब्बत उस खत में भर दी मैने लेकिन उससे भी मेरा टूटा हुआ दिल जुड़ नहीं पाया इतना दर्द लिखा मैने उस कागज के टुकड़े में की कबूतर भी रो दिया लेकिन उड़ नहीं पाया ©MV

#शायरी  सारी की सारी मोहब्बत उस खत में भर दी मैने
लेकिन उससे भी मेरा टूटा हुआ दिल जुड़ नहीं पाया 
इतना दर्द लिखा मैने उस कागज के टुकड़े में  की कबूतर भी रो दिया लेकिन उड़ नहीं पाया

©MV

सारी की सारी मोहब्बत उस खत में भर दी मैने लेकिन उससे भी मेरा टूटा हुआ दिल जुड़ नहीं पाया इतना दर्द लिखा मैने उस कागज के टुकड़े में की कबूतर भी रो दिया लेकिन उड़ नहीं पाया ©MV

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ਗੁਰੂ ਤੇਗ ਬਹਾਦੁਰ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਕਰ ਨਿਗਾਂ ਮੇਹਰ ਦੀ ਧਨੇਠਾ ਤੋਂ ਗੜੀ ਸਾਹਿਬ ਵਾਲੀ ਸੜਕ ਵੱਲ ਨੂੰ , ਸੁਮੱਤ ਐਸੀ ਬਕਸ਼ ਖੁਦਾ ਅਸੀ ਵਧੀਏ ਇਸ ਮਸਲੇ ਦੇ ਹੱਲ ਵੱਲ ਨੂੰ, ਟੋਏ ਰੋਡੇ ਰਾਹ ਵਿੱਚ ਨੇ ਬਦੌਲਤ ਸਾਡੀ ਵਿਛੌਣੇ ਸੀ ਫੁੱਲ ਤੇਰੇ ਰਾਹ ਵੱਲ ਨੂੰ । Sam ਸਿੱਧੂ

#flyhigh  ਗੁਰੂ ਤੇਗ ਬਹਾਦੁਰ ਸਾਹਿਬ ਜੀ 
ਕਰ ਨਿਗਾਂ ਮੇਹਰ ਦੀ
 ਧਨੇਠਾ ਤੋਂ ਗੜੀ ਸਾਹਿਬ ਵਾਲੀ ਸੜਕ ਵੱਲ ਨੂੰ ,
ਸੁਮੱਤ ਐਸੀ ਬਕਸ਼ ਖੁਦਾ 
ਅਸੀ ਵਧੀਏ ਇਸ ਮਸਲੇ ਦੇ ਹੱਲ ਵੱਲ ਨੂੰ,
ਟੋਏ ਰੋਡੇ ਰਾਹ ਵਿੱਚ ਨੇ ਬਦੌਲਤ ਸਾਡੀ
ਵਿਛੌਣੇ ਸੀ ਫੁੱਲ ਤੇਰੇ ਰਾਹ ਵੱਲ ਨੂੰ ।

Sam ਸਿੱਧੂ

#flyhigh

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बेटियां वो कैद परिंदा हैं जिनके पास पर है मगर उड़ने की इजाजत नही। ©Zainab siddiqui

#Betiyan  बेटियां वो कैद परिंदा हैं 
जिनके पास पर है मगर
उड़ने की इजाजत नही।

©Zainab siddiqui

#Betiyan

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