चाहता तो मैं भी बह सकता था, इस जहाँ में सैकड़ो बालाओं की है धार। मैं कर के कोशिश भी न कर सका अपनी चाहत का इजहार। मैं कूद गया अपनी बर्बादी के समंदर में पर अफस.
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