मिलेंगे अब उसके कब्र पर,

जिसने लूट ली इज्जत अपने
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#कविता  मिलेंगे अब उसके कब्र पर,

जिसने लूट ली इज्जत अपने ही घर पर।। 

 

पुरुष मर्यादा लांघ गए,

बेटियों के देह फाड़ गए ,

चोट लगी हैं इस देश की माटी में,

हैवानियत अपना झंडा गाड़ गए,

स्त्रियां हांफ रही डर कर, 

जिसने लूट ली इज्जत अपने ही घर पर।। 

 

हर ओर दिखता ये रास हैं,

न कोई किसी के पास हैं,

कभी दो साल की बच्ची,

तो कोई किसी की सास हैं,

रहना ऐसे हैवानों से सम्हाल कर,

जिसने लूट ली इज्जत अपने ही घर पर।। 

 

पुकार रही हैं तुम्हे भारत माता,

रक्षा करो हमारे बेटियों की, ऐ! विधाता,

कोई आशिफा हुई, तो कभी निर्भया कांड हुआ,

कहीं दामिनी तड़प रही, तो कभी जैनब का शमशान हुआ,

हैं खड़ा यमराज सर के ऊपर, 

जिसने लूट ली इज्जत अपने ही घर पर।। 

 

भारत के पौरुष, अब आखें बिच्छों न, 

अहिंसा का मार्ग अब सीचों न,

क्या सुख गया हैं खून तुम्हारा? 

देख लिया अन्याय अब बहुत सारा, 

लिख दो नाम खून से इन दीवारों पर,

जिसने लूट ली इज्जत अपने ही घरों पर।।

 

नहीं रहेंगी हमारे देश की नारी दहशत में,

दाग देंगे गोली इन आदमखोर दरिंदो में, 

अब तो वक्त नहीं लगेगा वक्त बदलने में,

आओ सपथ ले हम सब मिल कर,

मिलेंगे उसको अब उसी के कब्र पर,

जिसने लूट ली इज्जत अपने ही घर पर।।

©Aashutosh Kumar Suman

मिलेंगे अब उसके कब्र पर, जिसने लूट ली इज्जत अपने ही घर पर।।   पुरुष मर्यादा लांघ गए, बेटियों के देह फाड़ गए , चोट लगी हैं इस देश की माटी में, हैवानियत अपना झंडा गाड़ गए, स्त्रियां हांफ रही डर कर, जिसने लूट ली इज्जत अपने ही घर पर।।   हर ओर दिखता ये रास हैं, न कोई किसी के पास हैं, कभी दो साल की बच्ची, तो कोई किसी की सास हैं, रहना ऐसे हैवानों से सम्हाल कर, जिसने लूट ली इज्जत अपने ही घर पर।।   पुकार रही हैं तुम्हे भारत माता, रक्षा करो हमारे बेटियों की, ऐ! विधाता, कोई आशिफा हुई, तो कभी निर्भया कांड हुआ, कहीं दामिनी तड़प रही, तो कभी जैनब का शमशान हुआ, हैं खड़ा यमराज सर के ऊपर, जिसने लूट ली इज्जत अपने ही घर पर।।   भारत के पौरुष, अब आखें बिच्छों न, अहिंसा का मार्ग अब सीचों न, क्या सुख गया हैं खून तुम्हारा? देख लिया अन्याय अब बहुत सारा, लिख दो नाम खून से इन दीवारों पर, जिसने लूट ली इज्जत अपने ही घरों पर।।   नहीं रहेंगी हमारे देश की नारी दहशत में, दाग देंगे गोली इन आदमखोर दरिंदो में, अब तो वक्त नहीं लगेगा वक्त बदलने में, आओ सपथ ले हम सब मिल कर, मिलेंगे उसको अब उसी के कब्र पर, जिसने लूट ली इज्जत अपने ही घर पर।। ©Aashutosh Kumar Suman

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