बेजार किया खुदको जमाने के आगे मैने तेरे लिए, होके बेपरवाह अपना रुतबा, अपना रूआब जला दिया। थक गया था बरसो से तेरी वापसी की राह तकते तकते मैं, दिल को अनसुना कर आज.
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