पुरुषों का प्रेम कितना भी सत्य हों, पवित्र हों, अंततः उनके प्रेम को जिस्मों से ही जोड़ दिया जाता हैं..! ©Niaz (Harf) पुरुषों का प्रेम कितना भी सत्य हों, पवित.
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2.09 Lac View
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