बिंदी तेरे नाम की जो सजती है मेरे माथे पे , वो बिंदी ही तो प्रथम प्रणय की निशानी है , मांग में जो रक्त वर्ण सिंदूर सजा है। उसी को लगा नवजीवन मे प्रथम क.
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