किसी ने कभी हमें समझा ही नहीं, हमने तो समझा लोगो को , पर लोगों ने हमें समझा ही नहीं, एक वक्त था बड़े कमजोर हुए हम, किसीने न किया हम पर रहम, आज भी सोचकर आंखे हो.
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