एक दिन उसने किसी अपने से व्यथित होकर मुझसे पूछा, अब किससे उम्मीद करें? बुढ़ापे में कोई सहारा नहीं दिखता l मैंने उसे समझाते हुए कहा, जब स्वम अपना शरीर साथ छोड़.
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