हम तो समझे थे कि बड़ा आसान है सफर जिन्दगी का! जब इसमें जिये तो पता चला कि कोई नही है किसी का!! ©जनकवि शंकर पाल( बुन्देली) मेरू आल्फाज.
1 Stories
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here