शंकर विरंचि देव वन्दत चरण कंज चतुर्दश भुवन में जिनका स्वराज है। व्यापक अनन्त अज निर्गुण विकारहीन "दास" प्रतिपालक श्रीकृष्ण व्रजराज हें।.
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