मेरी किसी भी लिखावट का अमल नहीं होता, क्योंकि मेरी शायरी में दर्द का आलम नहीं होता। छोड़ देता वक़्त-बेवक्त तन्हाई लिखना काश! मेरे नसीब में कलम नहीं होता।। ©Er.
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