दिन ढलने तो दो शाम को घर आ जायेंगे, परिंदे भला घोंसला छोड़ कर कहाँ जायेंगे, खुद ही जानते हैं हम राहें बनाने का हुनर, हम राहें भटक भी जायेंगे तो कहाँ जायेंगे.
1 Stories
10 Love
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here