श्लोक (अध्याय 2, श्लोक 13) देहिनोऽस्मिन्यथा देहे कौमारं यौवनं जरा। तथा देहान्तरप्राप्तिर्धीरस्तत्र न मुह्यति॥ 13 ॥ भावार्थ: जैसे इस शरीर में बाल्यावस्था, युवा.
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