श्लोक (अध्याय 2, श्लोक 13)
देहिनोऽस्मिन्यथा देहे क
  • Latest
  • Popular
  • Video
#krishna_flute #RadhaKrishna #BhagvadGita #Bhakti  श्लोक (अध्याय 2, श्लोक 13)
देहिनोऽस्मिन्यथा देहे कौमारं यौवनं जरा।  
तथा देहान्तरप्राप्तिर्धीरस्तत्र न मुह्यति॥ 13 ॥
भावार्थ:
जैसे इस शरीर में बाल्यावस्था, युवावस्था और 
वृद्धावस्था आती है, उसी प्रकार आत्मा 
एक शरीर को छोड़कर दूसरे शरीर को प्राप्त करती है।
 धीर पुरुष (ज्ञानी व्यक्ति) इस सत्य को 
समझकर मोह में नहीं पड़ता।
इस श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण आत्मा की 
अमरता का वर्णन कर रहे हैं। वे कहते हैं कि जिस 
प्रकार शरीर में विभिन्न अवस्थाएँ (बाल्यावस्था, युवावस्था, वृद्धावस्था) आती हैं, उसी प्रकार आत्मा शरीर को
 छोड़कर नए शरीर में प्रवेश करती है।
 ज्ञानी व्यक्ति इस सत्य को समझता है और 
मृत्यु या परिवर्तन के समय दुखी नहीं होता। 

-----------------------------------------------

यह श्लोक हमें जीवन की अनित्यता और
 आत्मा की स्थायित्व का अद्भुत संदेश देता है।

©writer_Suraj Pandit

भागवत गीता (अध्याय 2, श्लोक 13) 🙏🏻❣️ #BhagvadGita #krishna_flute #RadhaKrishna Hinduism bhakti gane bhakti geet @Tsbist @Internet Jockey @Aryan Shivam Mishra @MM Mumtaz @Mukesh Poonia

126 View

Trending Topic