खुद में खोकर खुद को मै पा लूँ।
रूठू कभी तो खुद को मै मना लु।।
आँखों में जो आये आंसु तो बहा लू।
हाथ उठाकर खुद को चुप करा लू।।
देख आइना में थोड़ा मुस्करा लू।
हो जाऊ उदास तो खुद को संवार लूँ।।
बाते तुझे दिल की मै सारी बता दूँ ।
धड़कने मै अपनी तुझको सुना दूँ।।
गिरने ना दूँ,चल तुझे संभाल लूँ।
थामकर उम्मीदें,तुझे ढाल बना लूँ।।
शांत मन से खुद को समझा लूँ।
थक गयी अब चल खुद को सुला लूँ।।
खुद में खोकर मै खुद को पा लूँ।
चल रे मन आत्म ध्यान लगा लूँ।।
खोयी हुई छवि को खुद से पा लूँ।
मुस्कराहटो को अपना साथी बना लूँ।।
मान सम्मान से परे अपनी दुनिया बसा लूँ ।
चल रे मन तुझे अपनी प्यारी सखी बना लूँ।।
©chahat
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