शब्द बहुत हैं, अल्फ़ाज़ बहुत हैं लिखने को पूरा काव्य लिख दूँ तुम पर न गिन पाओगे तुम, मेरे जज़्बात बहुत हैं थोड़े बड़े हो जाओ प्यार व्यार फिर कर लेना फि.
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