कुछ इस तरह से रह-रह कर, उसकी याद हमको सताती रही........ जितना भूलने की कोशिश की, उतना हमको वो याद आती रही........ और हम पढ़ते रहे ग़ज़ल अपने, हाल-ए-दिल पर भरी महफ़ि.
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