मज़हब की बिसात तू देख ज़रा, तेरा मज़हब तुझमें है,मेरा मज़हब मुझमें है। ख़ुदा का किरदार ना पूछ बंदे, तेरा ख़ुदा तुझमें है,मेरा ख़ुदा मुझमें है।। मुके.
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