कुछ इस तरह से थाम कर, बैठे हैं शाम को इक रोज़ से........ जब से वो कहकर गया है, जल्द लौटेंगे इंतज़ार करना........ ©Poet Maddy कुछ इस तरह से थाम कर, बैठा हूं शाम क.
1 Stories
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here