मैं मुंतज़िर हूं इस बात से कि बहारे लौट आएंगी खिजां के ठहरने का भी एक वक्त मुतइयन होता है गम ऐ दौरा से यूं ही फुर्सत नहीं मिलती ऐ औरंगजेब खुशी को पाने के ख.
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