उसे डर था कि मुझ तक ,कोई खबर ना पहुँचे उसे खबर भिजवा दो ,मुझे किसी का डर नहीं रहा । जितना उसको अपना समझा,उतना बेगाना हुआ ए दिल चल उठ महफ़िल में उनकी अपना बहुत.
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