इस जन्माष्टमी पर, ❝कृष्ण आएगा❞
सागर जैसे नैन उसके,
इनमे तैर कौन पाएगा?
प्रेम से भरा हो मन
तो कोई डूब ही ना जाएगा?
मोहक सी उसकी मुस्कान,
नज़र हटा कौन पाएगा?
एक बार देख ले जो
तो कोई अटक ही ना जाएगा?
गोपियों संग हँसी-ठीठोली,
पर राधे को फँसा नही पाएगा!
अगली बार मटकी फोड़े
तो कही पकड़ा ही न जाएगा?
माथे पे मोरपंख
कमर पे बाँसुरी ले घूमेगा ,
माखन की मटकी तैयार रखना
कृष्णा चुराने जरूर आएगा!!!
जिनके लिए :
कृष्ण मायावी नही,मोहन हैं...
जादूगर नही, लीलाधर हैं...
षडयंत्र नही, रास रचयिता हैं...
नारी नही, माखन चोर हैं...
द्वेष नही, प्रेम प्रसारक हैं...
और
'राधा' सिर्फ नाम नही, अमृत हैं...
उन सभी को जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ 💙✨
~ *Anagha Neha Narendra Ukaskar* ✒️
©Anagha Ukaskar
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