Happy Janmashtami जो उसका हो गया उसे कहां कोई रास आएगा।।
मिल जाए उसी झलक जिसे,
कहां उसे और कुछ भायेगा।।
मंदिर घूमो, मस्जिद घूमो,
जाओ घूम आओ गुरुद्वारा,,,
जिसने देखा मुरलीवाला,,
पराया लगे उसे जग सारा।।
सूरत संवारी, घुंघराले केश हैं,,
मीठी सी मुस्कान उसकी,
मोर मुकुट बड़ा विशेष हैं।।
माखन का शौकीन हैं वो,,
भाव सच्चे हो तो तुम में ही विलीन हैं वो।।
बजती जब मुरली की तान हो,,
कहां अपना भान हो।।
बस खो जाऊं इसके आह्वान में,,,,
देह रहे यही, मैं जाऊं उसके दर्श को उसके ही जहान में।।।
©KAJAL The poetry writer
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here