घर से निकलता हूँ माँ की कदमबोशी कर, के मंज़िल से पहले कही रुक न जाऊं। जो रुकता हूँ तो ख़याल आता है, जन्नत छोड़ के किस मंज़िल निकल पड़ा..? -सारिम नरसिंहपुरिया #नोजो.
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