जो नन्हे बच्चे को सही-गलत का अन्तर बतलाए... जो कोमल मन को प्यार से दुलराए... जो हर चीटी को पहाड़ चढ़ना सिखलाए... आसमान मे उडा़न भरने को, जो सीढ़ियां लगाए... वो गुर.
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