सारा जहां जगमगाया हैं,
फिर से रोशनी का त्योहार आया हैं...
गिले-शिकवे मिट जाए दिल से,
इसी आशा से हमने एक दीप जलाया हैं,
देखो फिर से रोशनी का त्योहार आया हैं...
दियों की रोशनी से फिर से झीलमिलाता जीवन हो,
पटाखों की गूंज से आसमान फिर से रोशन हो,
बस यही दुआ हैं मेरी रब से, की कामना सब की पूर्ण हो,
सुख ही सुख मिले सबको और सब धन धान्य से संपूर्ण हो,
इसी खुशी में हमने पूरे धर को देखो फिर से सजाया हैं...
देखो ना फिर से रोशनी का त्योहार आया हैं...
©Paras Dave
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