छुपाना चाहे बेपरवाह गुस्ताखियां,🤦🏻♂ शाम ढल जाती हैं,😔 बेफ़िक्री की गुंजाइश करनी चाही,💁🏻♂ पर साली याद बड़ी आती हैं,😇 तेरे कागज की तस्वीरों से मुक्कमल हुआ आज,📖 तस.
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