______राज़______
है दफ़न कितने राज़ कितने बीते किस्सों में,
किसी खास व्यक्ति, स्थान और समय से जुड़े हुए,
खोजने पर कभी-२ जिनको, नए पहलू निकल कर आते हैं...
इन रहस्यों को समझने में, एक महत्वपूर्ण कड़ी बन जाते हैं...
होते जाए गहरे कुछ राज़ समय के साथ-साथ ,
ना ही कोई सबूत मिले और ना ही कोई गवाह यथार्थ ,
जानना चाहे कोई यदि, इन रहस्यों की असल सच्चाई ....
विविक्त सोच ही अवगत करे, उन रहस्यों की अपार गहराई...
फिर भी सुलझाने पर कुछ रहस्यों को,
यदा कदा ही मिले कामयाबी...
और कभी एक राज़ बनकर रह जाती है,
कितने रहस्यों की अनसुलझी कहानी...
©Shivani Puri
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here