क्या हाल हैं, तुम्हारे? , जरा बयां तो करो,,,,
कहो तो वो बातें दोबारा, जिनमें जी थी, अपनी प्यार-दोसती कि कहानी,
क्या तुम भूल गये सब , ? पूछो खुद से, और ना करके , मेरा ऐ फ़ालतू का वहम दूर तो करो,
ऐ बुरी सी खमोसी दूर तो करो , फिर मुस्कुरा लेंगे दोबारा, इक बार ही सही मुझे आवाज़ देकर तो देखो,,
चलो माना सही हो तुम, तुम ने जो कहा समझ गई मैं, जो कहा कर गई मैं,
पर ऐ दूरियां अब सही नहीं जाती,
तुमसे दूर रहकर हूं तो , पर मरी सी हूं,
कुछ तो कहो ना , सब भुला , मुझे समझ कर तो देखो,,
इक बार ही सही ,मेरी तरफ़ तो देखो,
मेरी तरफ़ तो देखो ,,!! !
©Nehu Dee.kalam
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