खुशी के बादल जब गरजे तो उम्मिदों की लहर आई और जब दुख कि बिजली कड़कि तो आसमान को ताकतें चेहरों की आखै नम हुई।जब किसी का अनुसरण कर जी रही थी कुछ जिंदगिया तो दुख की वो बिजली आज उसी पर ही गिर गई।।
,रब्ब से है करेगे फरियाद तेरे हर काम कि ।तु मिले खुशियां इस सारे संसार कि। हे रब्बा मेरे यार नु किन्ना सोना बनाया आप नु रहे सुक्कर गुजार आप की इस नायत कि ।किसी कि बुरी नजर से बचाना रब्बा मेरे यार नू । बस ये ही गुजारीस आज के इस वार कि। many many returns of the day.. happy birthday
तेरे आने कि उम्मीद और भी तङफाती है मेरी खिङकी पे जब शाम उतर आती है। एक सपनों कि दुनिया में ले जाते है ये टूटते तारें पर सुबह कि किरण हकिकत बतला देती है !!
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