English
नजर का ही असर था वो.. तुम्हारा ही शहर था वो.. बिछड़कर भी न रोया मैं.. कि इतना बेअसर था वो।। ❤❤❤🙏
हो करके यूं दुनिया से मगन ढूंढ रहे थे.. मुश्किल है मगर अपना सा मन ढूंढ रहे थे। ऐसे मैं ढूंढता हूॅं तुझे तेरे शहर में.. जैसे सिया को राम-लखन ढूंढ रहे थे।। ©अनुपम अजनबी
अनुपम अजनबी
10 Love
ram lalla अभी तक हो न पाए हों ,वो सारे काम लिख देना.. सभी धामों से बढ़ करके अयोध्या धाम लिख देना.. तुम्हारे मन की कश्ती डूबने लग जाए जब,सुन लो, उसी कश्ती के कोने में कहीं पर 'राम' लिख देना।। ©अनुपम अजनबी
13 Love
एक उस शख़्स की तासीर न देखी जाती.. और वादों की वो तहरीर न देखी जाती। अपनी शादी की जो तस्वीर वो भेजी थी मुझे.. दो महीने हुए , तस्वीर न देखी जाती। दुनिया वरमाला जिसे कहती फिर रही है यहाॅं.. उसकी गर्दन में वो जंज़ीर न देखी जाती।। ©अनुपम अजनबी
12 Love
27 View
पैसा तो आ गया मगर करार नहीं है.. कितने बताऊं , दुःख मेरे दो-चार नहीं है। इस बात का मलाल तो ताउम्र रहेगा.. वो मुझसे बिछड़ कर भी बेकरार नहीं है। कितने ही दोस्त मुझसे कहते बेवफा है वो.. मैं अब भी कहता हूॅं कि अरे यार नहीं है। कुछ इसलिए भी लखनऊ से चिढ़ हुई मुझे.. बरसों तलक जो साथ था इस बार नहीं है।। ©अनुपम अजनबी
9 Love
You are not a Member of Nojoto with email
or already have account Login Here
Will restore all stories present before deactivation. It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Download App
Stories | Poetry | Experiences | Opinion
कहानियाँ | कविताएँ | अनुभव | राय
Continue with
Download the Nojoto Appto write & record your stories!
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here