संभलता ही नहीं दिल लाख समझाने के बाद
ना जाने क्या हो गया इसे उनसे नज़रे मिलाने के बाद
अब हर बार ही ज़िद तुम्हारी क्यों कर रहा है दिल
बड़ा ज़िद्दी सा होगया है उनसे नज़रे मिलाने के बाद
पहले सोचता था यह के बस दिल एक दिल ही तो है
फिलॉस्फी सीखा रहा है सबको उनसे नज़रे मिलाने के बाद
हुआ क्या है तुझको बताता क्यों नहीं दिल पूछता दिमाग से ?
हम्म हम्म बहक तू भी गया है उनसे नज़रे मिलाने के बाद
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here