shwati pandey

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जो मनुष्य कविताओं में जीते हैं, वो चिरजीवी हैं!

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भयावह त्रासदी , कोलाहल रो रहा सड़कों, गलियों व चौबारों के सन्नाटे में। . छुअन महामारी है प्रेम , शून्य हृदय में मौन बन दुबका पड़ा है। -Shwati pandey🌹🌿

#विचार #corona  भयावह त्रासदी ,
कोलाहल रो रहा सड़कों, गलियों
व चौबारों के सन्नाटे में।
.
छुअन महामारी है
प्रेम , शून्य हृदय में मौन बन दुबका पड़ा है।

-Shwati pandey🌹🌿

त्रासदी.....! .. .. #corona

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किचकिचाहट से सिर चकरा रहा मेरा कुछ दिनों से झक्की सा व्यवहार है, कब कहती हूँ किसी से की कोई बैठे सुने मेरी दो - चार कविताएं। कुछ दिनों से लिख नहीं पाई मैं कोई कविता, रात भर सो न सकी उहापोह की स्थिति में, छटपटा रही थीं मरणासन्न अवस्था में कविताएं वो जो कह न पाईं अंतर्दशा अपनी मैं लेट गयी उत्तर से दक्षिण की ओर सिर किये ताकि मिल जाए इन्हें प्राणमुक्ति। आज सुबह से परदे को न जाने क्या दुश्मनी है खिड़की से जो उलझ जा रहा बार-बार, मैंने खिड़की खोल रखी है पूरब ओर ताकि सूरज की मार सहें कुछ देर परदा। बिस्तर पर गिरे पड़े मिले कितने बाल मेरे माँ कहती रही की तेल की मालिश आवश्यक है सिर पर, तभी तो कविताओं ने रात दम तोड़ दिया मैंने उठाया रेड़ी का तेल और ठोंकती रही घण्टों भर सिर पर। -Shwati pandey🌹🌿

 किचकिचाहट से सिर चकरा रहा मेरा
कुछ दिनों से झक्की सा व्यवहार है,
कब कहती हूँ किसी से की कोई बैठे
सुने मेरी दो - चार कविताएं।

कुछ दिनों से लिख नहीं पाई मैं कोई कविता,
रात भर सो न सकी उहापोह की स्थिति में,
छटपटा रही थीं मरणासन्न अवस्था में कविताएं
वो जो कह न पाईं अंतर्दशा अपनी
मैं लेट गयी उत्तर से दक्षिण की ओर
सिर किये ताकि मिल जाए इन्हें प्राणमुक्ति।

आज सुबह से परदे को न 
जाने क्या दुश्मनी है खिड़की से जो
उलझ जा रहा बार-बार,
मैंने खिड़की खोल रखी है पूरब ओर
ताकि सूरज की मार सहें कुछ देर परदा।

बिस्तर पर गिरे पड़े मिले कितने बाल मेरे
माँ कहती रही की तेल की मालिश
आवश्यक है सिर पर,
तभी तो कविताओं ने रात दम तोड़ दिया
मैंने उठाया रेड़ी का तेल और ठोंकती रही
घण्टों भर सिर पर।
-Shwati pandey🌹🌿

विश्व कविता दिवस की शुभकामनाएं🌸 .. #हिंदी #कविता

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अमूर्त्त बुद्धि, प्रकृति के सम्पर्क में पनपती है। देखो ! कवि की दुनियां उजड़ रही है। -Shwati pandey🌿

#दुनिया #प्रेम #हिंदी #विचार #कवि  अमूर्त्त बुद्धि,
प्रकृति के सम्पर्क में पनपती है।
देखो ! कवि की दुनियां उजड़ रही है।
-Shwati pandey🌿

कवि की दुनिया....! .. .. #हिंदी #कवि #दुनिया #प्रेम

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कितनी बातें जो मुझे सुनानी थीं तुमको, वो जुगनुओं से चमचमाते स्वप्न चाँद की आँखों में झिलमिलाता हुआ प्रेम हवाओं की शीतलता में घुली हुई, मेरी माँद पड़ी मेहँदी की सुगंध। तारों को जुड़े में बांधकर एक आह ! भरती हुई औंधाई रात की चादर ओढ़े हुए मैं, और आकाश को कोरे पन्ने पर कविताओं में समेटे हुए,तुम हाँ! सिर्फ-तुम... -Shwati pandey🌿

 कितनी बातें जो
मुझे सुनानी थीं तुमको,
वो जुगनुओं से चमचमाते स्वप्न
चाँद की आँखों में झिलमिलाता हुआ प्रेम
हवाओं की शीतलता में घुली हुई, मेरी
माँद पड़ी मेहँदी की सुगंध।
तारों को जुड़े में बांधकर
एक आह ! भरती हुई औंधाई रात 
की चादर ओढ़े हुए मैं,
और आकाश को कोरे पन्ने पर
कविताओं में समेटे हुए,तुम
हाँ! सिर्फ-तुम...
-Shwati pandey🌿

बातें कितनी जो बन गईं कविताएं..! .. #हिंदी #कविता #प्रेम

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#कविता #loveforever #deeppoetry #myvoice  🌹

" पूर्णतः शून्य " .. #loveforever #myvoice #deeppoetry

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