एक राही

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चुनावी माहौल..... पॉलीटिशियंस अब मुझे पितृ पक्ष में 15 दोनों तक निकलने वाले कौओं से जान पड़ते हैं। जब तक ना हो स्वार्थ पूर्ण मडराते हैं। मिलते ही कुर्सी फिर ना उससे हिलते हैं। मांगने वोट गली,नगर,गांव,शहर,मोहल्ले, कस्बे सब एक कर देते हैं। मिलते ही पद फिर ना दिखाई देते हैं। बातें कई करते हैं पूरी कुछ एक ही करते हैं। बड़े-बड़े सपने दिखाकर मासूमों का शोषण भी यह करते हैं। करने स्वार्थ सिद्ध स्वयं का दल भी बदल लेते हैं। सोचे आप स्वयं ही जो दल बदल बने नेता, क्या वह आपका हो सकता है? पड़कर चक्कर में इनके जनता खुद से खुद ही लड़ लेती है। कुछ एक ही ऐसे होते हैं, जो कही हुई बात पर अमल करके दिखलाते हैं। बाकी के 99% कह कुछ कर कुछ जाते हैं। प्रिय मित्रों प्रलोभन में न फंसना, स्वविवेक से उचित प्रत्याशी को तुम चुनना। 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 ©एक राही

#विचार #election2k23 #Support #Chess #viral  चुनावी माहौल.....

पॉलीटिशियंस अब मुझे पितृ पक्ष में 
15 दोनों तक निकलने वाले कौओं से जान पड़ते हैं।
जब तक ना हो स्वार्थ पूर्ण मडराते  हैं।
मिलते ही कुर्सी फिर ना उससे हिलते हैं।
मांगने वोट गली,नगर,गांव,शहर,मोहल्ले,
कस्बे सब एक कर देते हैं।
मिलते ही पद फिर ना दिखाई देते हैं।
बातें कई करते हैं पूरी कुछ एक ही करते हैं।
 बड़े-बड़े सपने दिखाकर मासूमों का शोषण भी यह करते हैं।
करने स्वार्थ सिद्ध स्वयं का दल भी बदल लेते हैं।
सोचे आप स्वयं ही जो दल बदल बने नेता,
क्या वह आपका हो सकता है?
पड़कर चक्कर में इनके जनता खुद से खुद ही लड़ लेती है।
कुछ एक ही ऐसे होते हैं,
जो कही हुई बात पर अमल करके दिखलाते हैं।
बाकी के  99% कह कुछ कर कुछ जाते हैं।
प्रिय मित्रों प्रलोभन में न फंसना,
स्वविवेक से उचित प्रत्याशी को तुम चुनना।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻

©एक राही

Work Load...... सुबह से काम पर निकला राही,अब हार थक कर घर लौटा है। राह में भी न पल गँवाता,कल की प्रयोजना में उलझा है। इतना भी क्या pressure,कि depression से भी जूझता है। चिड़चिड़ा,वेवस सा,कर रहा जिनके लिए परिश्रम, उन्हीं से खिंज्याता है। अंजाने में दुःखा कर दिल उनके, अब वह स्वयं भी दुःखी हो जाता है। अब जैसे खो दिया हो कहीं स्वयं को,जीवन से संघर्ष करता है। जरूरते बढ़ गई इतनी कि पूरी करने, स्वयं को कोल्हू के बैल सा भी जोतता है। सुबह से काम पर निकला राही,अब हार थक कर घर लौटा है। ©एक राही

#विचार #sunrisesunset #workpressure #depression #Workload  Work Load......

सुबह से काम पर निकला राही,अब हार थक कर घर लौटा है।
राह में भी न पल गँवाता,कल की प्रयोजना में उलझा है।
इतना भी क्या pressure,कि depression से भी जूझता है।
चिड़चिड़ा,वेवस सा,कर रहा जिनके लिए परिश्रम,
उन्हीं से खिंज्याता है।
अंजाने में दुःखा कर दिल उनके,
अब वह स्वयं भी दुःखी हो जाता है।
अब जैसे खो दिया हो कहीं स्वयं को,जीवन से संघर्ष करता है।
जरूरते बढ़ गई इतनी कि पूरी करने,
स्वयं को कोल्हू के बैल सा भी जोतता है।
सुबह से काम पर निकला राही,अब हार थक कर घर लौटा है।

©एक राही

शुभरात्री ....... ©एक राही

#विचार #MoonShayari  शुभरात्री .......

©एक राही

#MoonShayari

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"नाजाने क्यों इतनी गुमसुम सी मैं रहती हूंँ। ना कुछ कहने,न कुछ सुनने,बस चुप रहने जी करता है।" ©एक राही

#विचार #MoonShayari #Support #share #viral  "नाजाने क्यों इतनी गुमसुम सी मैं रहती हूंँ। 
ना कुछ कहने,न कुछ सुनने,बस चुप रहने जी करता है।"

©एक राही

चाह नहीं है, चाहत की, कि कोई चाहत से चाहे हमें। पता है,यह प्रेम है,प्रीत है, सब मोह है,एकदिन छूट जानी है। फिर क्यों?,इतना विकल है मन, क्यों?आँखों में नींद नहीं। न चाहें फिर भी क्यों?ख्याल उन्ही का है। व्यथित मन,व्याकुल हृदय, हमें झकझोरता रहा। विभिन्न प्रश्नों में उलझाता, स्वयं से ही तर्क-वितर्क भी कराता रहा। अनुमान न था,वह परिस्थिति है अब, समझ से भी परे, स्थिति है अब। ......................। ©एक राही

#विचार #Silence #viral #Mood  चाह नहीं है, चाहत की,
कि कोई चाहत से चाहे हमें।
पता है,यह प्रेम है,प्रीत है,
सब मोह है,एकदिन छूट जानी है।
फिर क्यों?,इतना विकल है मन,
क्यों?आँखों में नींद नहीं।
न चाहें फिर भी क्यों?ख्याल उन्ही का है।
व्यथित मन,व्याकुल हृदय,
हमें झकझोरता रहा।
विभिन्न प्रश्नों में उलझाता,
स्वयं से ही तर्क-वितर्क भी कराता रहा।
अनुमान न था,वह परिस्थिति है अब,
समझ से भी परे, स्थिति है अब।
......................।

©एक राही

"आस्था है क्योंकि अस्तित्व है। अस्तित्व ही न होता,तो आस्था सम्भव ही न होती।" ©एक राही

#भोलेनाथ #विचार #harharmahadev #Faith  "आस्था है क्योंकि अस्तित्व है।
अस्तित्व ही न होता,तो आस्था सम्भव ही न होती।"

©एक राही
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