Anup Joshi

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मैं नहीं लिखता शब्द मुझे लिखते हैं

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#लव  तू वो कि जहाँ 
मैं भूल जाता हूँ 
कुछ देर के लिए खुद को
खुद की परेशानियों को
भूल जाता हूँ 
अक्सर मेरा अस्तित्व
जो घिरा है 
डर और घबराहट से
भूल जाता हूँ 
उम्र का वह पड़ाव
और फिर से 
बच्चा बन जाता हूँ
परिपक्वता का चोला 
उतर जाता है 
तेरे पास रहने पर
फिर मासूम बच्चा 
उभर आता है जो
 छुप कर बैठा है
 भीतर कहीं
बस तू है तो सब है
तू नहीं तो सब है 
बस मैं मैं नहीं

©Anup Joshi

तू वो कि जहाँ मैं भूल जाता हूँ कुछ देर के लिए खुद को खुद की परेशानियों को भूल जाता हूँ अक्सर मेरा अस्तित्व जो घिरा है डर और घबराहट से भूल जाता हूँ उम्र का वह पड़ाव और फिर से बच्चा बन जाता हूँ परिपक्वता का चोला उतर जाता है तेरे पास रहने पर फिर मासूम बच्चा उभर आता है जो छुप कर बैठा है भीतर कहीं बस तू है तो सब है तू नहीं तो सब है बस मैं मैं नहीं ©Anup Joshi

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#Emotional #लव  😔 भाव कब तक बन्धते 
फिर बह गए

#Emotional कर्म गोरखपुरिया @Kumar Shaurya @AmmuAP @Bittu Roy Buddhi Prakash Jangid

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Poetry Nights

Poetry Nights

Friday, 19 April | 12:12 am

0 Bookings

Expired
#शायरी #SAD  White एकाकी रात जागता इस भीड़ में भारी
इस दर्द से तड़पती रूह देखो हमारी
जो थे हबीब मेरे वो आज गुम हुए
ये सिसकियाँ भी क्यो ही सुने कोई हमारी

©Anup Joshi

#SAD

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कुछ सुनिए कुछ सुनाइए

कुछ सुनिए कुछ सुनाइए

Monday, 1 April | 01:28 am

1 Bookings

Expired
#शायरी  खयाली उलझे धागो से
कोई तो सुन्दर भोर बुने
रहे भटकते जज्बातों को 
कोई  तो सच्चा ठोर चुने
राग सोहनी चातक गाए
रात अकेले बिरहा में
 रात के पसरे सन्नाटे में
कोई तो मन का शोर सुने

©Anup Joshi

खयाली उलझे धागो से कोई तो सुन्दर भोर बुने रहे भटकते जज्बातों को कोई तो सच्चा ठोर चुने राग सोहनी चातक गाए रात अकेले बिरहा में रात के पसरे सन्नाटे में कोई तो मन का शोर सुने ©Anup Joshi

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