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बेक़रार सा ख़्वाब पाने को
White कोई तो फलसफा बता ऐे ज़िन्दगी या तो मै तेरा नही या तू मेरा नही - अली राशिद हसरत ©Ali Rashid Hasrat
Ali Rashid Hasrat
11 Love
White ज़िन्दगी से मोहब्बत है तो पता करो बगावत किससे है जब चाहते है सब कुछ मोहब्बत से गुजरे तो अदावत किससे है माना के बागी है हर कोई अपनी नापसंद से तो पूछो फिर पसंदगी की बात किससे है सब कुछ तय करे नसीब तुम्हारा ग़र तो ये बताओ जंग किससे है और कुछ नही बचा अब तुम्हारे हाथ में लूटे ज़रूर मग़र ये बताओ गीला किससे है सब कुछ हो नही सकता तुम्हारे हाथ में दुआ मे उठे ज़रूर हाथ मगर "रब"सिर्फ किसका है कौन नही जानता क्या होगा अगला पल मग़र ज़िंदगी जीने का उम्र भर ज़ी सबका है मै कहता हुं रुको,सोचो, आगे बढ़ो और यही ज़िन्दगी का हिस्सा है - अली राशिद हसरत ©Ali Rashid Hasrat
12 Love
16 Love
तुम गरीब हो धर्म का झंडा उठा कर क्या कर लोगे अमीर होते तुम या रोजगार से जुड़े होते तो शायद सड़को पर नही होते और कभी ना झंडा उठाये,तपती धूँप मे झूलस्ते हुये होते नारे लगाते हुये, गले को फाड़ कर कभी ना प्यासे होते धहाड़ी मजदूर से भी कम मे यूँ खुद को ना सताये होते नशे की लत होगी ज़रूर ही तभी तो सब झेल गये यूँ एक अपनी "तलब" के लिये खुद को खतरे मे डाल गये ये तलब होगी शायद दिमाग मे भरे गौबर की तुम मरो कटो सड़को पर वो ठंडक ले AC की चलो अब आता हुं उस श्र्णी पर जो सम्पन्न है मगर सत्ता का लोभ उसे है उसे सत्ता का टट्टू बनना है और समाज मे एक रौब कायम करना है अब इन्हे चन्दे से गरीबो की भीड़ जुटाना है àऔर खुद की गाड़ी पर एक सत्ताधारी झंडा लगाना है कौन है वो जिनके लिये तुम बारूद के ढ़ेर पर हो तुम मे भर कर धर्म की चिंगारी खुद कुर्सी पर ये शेर है सड़को पर तुम्हे उतार कर खुद क्यूँ ज़मी पर नही आते तुम्हे शिकार बना कर ये सत्ता की रोटी खाते किस को किस से डर किस का मजहब खतरे में कौंन बताये कौन तय करे कौन सही पर मौन है तुम्हारे मन मे भरे ये मैल दुसरे धर्म के लिये खुद पीते साथ मे कोफी जायें शादियो मे एक साथ और खाये साथ मे कीमा बौटी तुम्हारे लिये सिर्फ है इन्होने दी है वैधानिक चेतवानी खतरे मे हो तुम ऐसा डरा कर ही इन्हे मिलेगी सत्ता की चाशनी -जय हिन्द ©Ali Rashid Hasrat
13 Love
White किसी को किसी की ज़रूरत कब होती है ? होती है ज़रूरत, जब उसकी मतलब परस्ती होती है कोई नही दुनिया मे जो बिना ज़रूरत चाहे तुम्हे गलत है सब जो ऐसा कहते है, सुनो मेरी जो कहता हुं बिना ज़रूरत के याद करने वाली एक "मां" होती है जो चाहे मुझसे भी आगे निकल जाये मेरा बेटा वो ख्वाहिश सिर्फ एक "बाप" की होती है - अली राशिद हसरत ©Ali Rashid Hasrat
White हमे लगा था हमारी कोई अच्छाई होगी जो हमे याद किया होगा इतने दिनो बाद ना तू मेरा खास था, ना मै तेरा अजीज हमे कहां मालूम था, मतलबपरस्त है दुनिया हाल चाल भी लेते है लोग अपने काम से दौलत के भूखे बैठे, अपने लालच के मुकाम पे - अली राशिद हसरत ©Ali Rashid Hasrat
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