English
Writer Deepak Koth
Ladle Kalakar
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जिंदगी भी के चीज है कुछ बताया नि जांदा र कुछ पिया नि जांदा, कुछ खाया नि जांदा, खुशी छुपाई नि जांदी गम भुलाया नी जांदा जिंदगी भी के चीज है कुछ बताया नि जांदा ©Ladle Kalakar
7 Love
भटकते हुए अनजान रस्ते पे चले, कहीं पे रोशनी मिली तो कहीं पे अंधेरा ,, कुछ ख्वाब मुक्कमल किए तो कहीं मिला सवेरा ।।। ©Ladle Kalakar
9 Love
ना जाने कैसी रात ये है , डर लगता है क्या बात है , अब सुना सुना लगता है मंजिल तक पहुंचना, अपनी यादों का जो साथ है !!!! ©Ladle Kalakar
3 Love
ये दुनिया बड़ी जालिम है ! बेटियों को उड़ने नी देती,, उन के सपने टूट जाते है दहलीज को पार करने नी देती ।।।। ©Ladle Kalakar
5 Love
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