गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरा
गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमह।
ज्ञान ना उपजे गुरु बिना बिन गुरु भक्ति ना होय
मन का शंशय ना मिटे बिन गुरु मुक्ति ना होय।
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरा
गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमह।
समदर्शी गुरु एक है देता विद्या ज्ञान,
छल कपट रखता नहीं, और नहीं अभिमान
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरा
गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमह।
कृपा गुरु की जब होवे नर नारायण जान
गुरु है ब्रह्मा गुरु है विष्णु गुरु को शिव तू मान
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरा
गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमह।
©simmi Pandey
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