Vinay Shrivastava

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White रात  रातें अंधेरों को बयां करती हैं, मन में कहीं डर पैदा करतीं हैं, इसलिये सब कहते रहे हैं, दिन अच्छे हैं और रातें बुरी हैं, पर अगर रातें न होतीं, तो ये जिंदगी कभी रुकती ही नहीं, हम थमते नहीं, शांत होते नहीं, पैर भागते ही रहते, मन सोचता ही रहता, होंठ बोलते ही रहते, आँखें देखतीं ही रहतीं, हाथ चलते ही रहते, कान सुनते ही रहते, रातें विराम लेकर आती हैं, विश्रांति में ले जाती हैं, निर्दोष होना सिखाती हैं, रात की सरलता, शून्य और सन्नाटा, वहां कोई अंहकार नहीं है,  रातें हमें खुद से मिलातीं हैं, उजाले के भेदों को मिटाकर, सबको एक जैसा बनातीं हैं, समाजवादी रातों में मनुष्य शांत और सरल हों, जिससे पूंजीवादी दिनों में प्रेम और करुणा की जय हो ।। ©Vinay Shrivastava

#विचार #milan_night  White रात 


रातें अंधेरों को बयां करती हैं,
मन में कहीं डर पैदा करतीं हैं,
इसलिये सब कहते रहे हैं,
दिन अच्छे हैं और रातें बुरी हैं,
पर अगर रातें न होतीं,
तो ये जिंदगी कभी रुकती ही नहीं,
हम थमते नहीं, शांत होते नहीं,
पैर भागते ही रहते, मन सोचता ही रहता,
होंठ बोलते ही रहते, आँखें देखतीं ही रहतीं,
हाथ चलते ही रहते, कान सुनते ही रहते,
रातें विराम लेकर आती हैं,
विश्रांति में ले जाती हैं,
निर्दोष होना सिखाती हैं,
रात की सरलता, शून्य और सन्नाटा,
वहां कोई अंहकार नहीं है, 
रातें हमें खुद से मिलातीं हैं,
उजाले के भेदों को मिटाकर,
सबको एक जैसा बनातीं हैं,
समाजवादी रातों में मनुष्य शांत और सरल हों,
जिससे पूंजीवादी दिनों में प्रेम और करुणा की जय हो ।।

©Vinay Shrivastava

#milan_night

12 Love

White सब जीवन बीता जाता है  धूप छाँह के खेल सदॄश, सब जीवन बीता जाता है । समय भागता है प्रतिक्षण में,  नव-अतीत के तुषार-कण में,  हमें लगा कर भविष्य-रण में,  आप कहाँ छिप जाता है ।  सब जीवन बीता जाता है,  बुल्ले, नहर, हवा के झोंके,  मेघ और बिजली के टोंके,  किसका साहस है कुछ रोके,  जीवन का वह नाता है ।  सब जीवन बीता जाता है । वंशी को बस बज जाने दो,  मीठी मीड़ों को आने दो,  आँख बंद करके गाने दो, जो कुछ हमको आता है । सब जीवन बीता जाता है । ©Vinay Shrivastava

#कविता  White सब जीवन बीता जाता है 


धूप छाँह के खेल सदॄश,
सब जीवन बीता जाता है ।
समय भागता है प्रतिक्षण में, 
नव-अतीत के तुषार-कण में, 
हमें लगा कर भविष्य-रण में, 
आप कहाँ छिप जाता है । 
सब जीवन बीता जाता है,
 बुल्ले, नहर, हवा के झोंके, 
मेघ और बिजली के टोंके, 
किसका साहस है कुछ रोके, 
जीवन का वह नाता है । 
सब जीवन बीता जाता है ।
वंशी को बस बज जाने दो, 
मीठी मीड़ों को आने दो, 
आँख बंद करके गाने दो,
जो कुछ हमको आता है ।
सब जीवन बीता जाता है ।

©Vinay Shrivastava

White सब जीवन बीता जाता है  धूप छाँह के खेल सदॄश, सब जीवन बीता जाता है । समय भागता है प्रतिक्षण में,  नव-अतीत के तुषार-कण में,  हमें लगा कर भविष्य-रण में,  आप कहाँ छिप जाता है ।  सब जीवन बीता जाता है,  बुल्ले, नहर, हवा के झोंके,  मेघ और बिजली के टोंके,  किसका साहस है कुछ रोके,  जीवन का वह नाता है ।  सब जीवन बीता जाता है । वंशी को बस बज जाने दो,  मीठी मीड़ों को आने दो,  आँख बंद करके गाने दो, जो कुछ हमको आता है । सब जीवन बीता जाता है । ©Vinay Shrivastava

14 Love

White रातें रातें अंधेरों को बयां करती हैं, मन में कहीं डर पैदा करतीं हैं, इसलिये सब कहते रहे हैं, दिन अच्छे हैं और रातें बुरी हैं, पर अगर रातें न होतीं, तो ये जिंदगी कभी रुकती ही नहीं, हम थमते नहीं, शांत होते नहीं, पैर भागते ही रहते, मन सोचता ही रहता, होंठ बोलते ही रहते, आँखें देखतीं ही रहतीं, हाथ चलते ही रहते, कान सुनते ही रहते, रातें विश्राम लेकर आती हैं, निर्दोष होना सिखाती हैं, रात की सरलता, शून्य और सन्नाटा, वहां कोई अंहकार नहीं है,  रातें हमें खुद से मिलातीं हैं, उजाले के भेदों को मिटाकर, सबको एक जैसा बनातीं हैं, समाजवादी रातों में मनुष्य शांत और सरल हों, जिससे पूंजीवादी दिनों में प्रेम और करुणा की जय हो ।। ©Vinay Shrivastava

#विचार #darkness #Night  White रातें

रातें अंधेरों को बयां करती हैं,
मन में कहीं डर पैदा करतीं हैं,
इसलिये सब कहते रहे हैं,
दिन अच्छे हैं और रातें बुरी हैं,
पर अगर रातें न होतीं,
तो ये जिंदगी कभी रुकती ही नहीं,
हम थमते नहीं, शांत होते नहीं,
पैर भागते ही रहते, मन सोचता ही रहता,
होंठ बोलते ही रहते, आँखें देखतीं ही रहतीं,
हाथ चलते ही रहते, कान सुनते ही रहते,
रातें विश्राम लेकर आती हैं,
निर्दोष होना सिखाती हैं,
रात की सरलता, शून्य और सन्नाटा,
वहां कोई अंहकार नहीं है, 
रातें हमें खुद से मिलातीं हैं,
उजाले के भेदों को मिटाकर,
सबको एक जैसा बनातीं हैं,
समाजवादी रातों में मनुष्य शांत और सरल हों,
जिससे पूंजीवादी दिनों में प्रेम और करुणा की जय हो ।।

©Vinay Shrivastava
#कविता #GoodMorning  White हर एक सुबह देती है हमें,
एक नया दिन,
एक नया सफर,
एक नया रास्ता,
नई उमंगे, 
नई आशाएं,
नए सपने,
पर हर नई सुबह के,
 नए रास्ते पर चल पाना,
आसान नहीं हैं,
क्यों,
क्योंकि हम तो कल के,
 पुराने रास्तों पर ही भटक रहे हैं,
यह नई सुबह, यह नए रास्ते,
नए राहगीरों को तरसते रहेगें,
हम कल के रास्तों पर भटकते रहेंगे ।।

©Vinay Shrivastava

#GoodMorning

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#कविता #summer_vacation  White गर्मियों के दिन हैं,
गुलमोहर खिले हैं,
आसमां में बादल छाए हैं,
सूरज से अठखेलियां कर रहे हैं,
कोयल कूक रही है,
पंछी गीत गाते हैं,
नीम के नीचे आते हैं,
दाना खाते हैं, पानी पीते हैं,
फुर्र से उड़ जाते हैं,
गिलहरियां मस्ती में कूद रहीं हैं,
नीम, अशोक,पीपल , कटहल,
कनेर, बेला, चंपा सब झूम रहे हैं,
अरे नही ये सब मैंने नही देखा,
मुझे तो मेरी बेटी ने बताया,
मुझे तो इतना पता है,
आज 13 मई है ।।

©Vinay Shrivastava
#Distant #Quotes  कुछ बात दिल की कह सकूं
उपहास जग का सह सकूं
सुख—दुख में सम रह सकूं, इतना मुझे अधिकार दो,
मुझको न सुख—संसार दो।
मैं नित नई पालूं व्यथा
मेरी निराली हो कथा
जिसका न आदि न अंत हो, वह प्रेम—पारावार दो
मुझको न सुख—संसार दो।
साहस हृदय में दो अमर
चूमूं तरंगों के अधर
नौका भंवर में डालकर, चाहे न फिर पतवार दो,
मुझको न सुख—संसार दो।
कुछ बात दिल की कह सकूं
उपहास जग का सह सकूं
सुख—दुख में सम रह सकूं, इतना मुझे अधिकार दो,
मुझको न सुख—संसार दो।

©Vinay Shrivastava

#Distant

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