ayushigupta

ayushigupta Lives in Ghaziabad, Uttar Pradesh, India

और कुछ भी मुझे अब तो कहना नहीं, एक पल बिन तुम्हारे है रहना नहीं, मेरे अनमोल कोहिनूर तुम ही तो हो, तुमसे प्यारा मुझे कोई गहना नहीं। ©Er.आयुषी गुप्ता

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बनी हूँ मैं मुसाफ़िर अब नहीं मेरा ठिकाना है। हुई मैं ख़ुद दीवानी हूँ मेरा दिल भी दीवाना है। भटकती हूँ मैं सदियों से अँधेरों की ही गलियों में, मैं जुगनू हूँ , अँधेरों में मुझे जीवन बिताना है। ©आयुषी गुप्ता ©ayushigupta

#कविता #Raat  बनी हूँ मैं मुसाफ़िर अब नहीं मेरा ठिकाना है। 
हुई मैं ख़ुद दीवानी हूँ मेरा दिल भी दीवाना है। 

भटकती हूँ मैं सदियों से अँधेरों की ही गलियों में, 
मैं जुगनू हूँ , अँधेरों में मुझे जीवन बिताना है। 
©आयुषी गुप्ता

©ayushigupta

#Raat

16 Love

#शायरी #Sad_shayri  White 
      
  बातों से गर , मन नहीं भरे उसको तो आदत कहते है। 
  जिसके पीछे पागल मानव,उसको तो दौलत कहते है। 
 
    रूप, रंग यारों अनेक, इस प्रेम की दुनिया के होते है, 
    याद कोई नम नयन करे उसको मोहब्बत कहते है। 
          ©Er.आयुषी गुप्ता

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#Sad_shayri

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#कविता #RadheGovinda

#RadheGovinda

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#कविता

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कभी माखन चुराते हो कभी माटी को को खाते हो। यशोदा माँ कहे नटखट मुझे कितना सताते हो। शिकायत गोपियाँ तो बस तुम्हारी करती रहती है, कि सारा दिन मेरे लल्ला क्यों ऊधम तुम मचाते हो ©ayushigupta

#कविता  कभी माखन चुराते हो कभी माटी को को खाते हो। 
यशोदा माँ कहे नटखट मुझे कितना सताते हो। 
शिकायत गोपियाँ तो बस तुम्हारी करती रहती है, 
कि सारा दिन मेरे लल्ला क्यों ऊधम तुम मचाते हो

©ayushigupta

कभी माखन चुराते हो कभी माटी को को खाते हो। यशोदा माँ कहे नटखट मुझे कितना सताते हो। शिकायत गोपियाँ तो बस तुम्हारी करती रहती है, कि सारा दिन मेरे लल्ला क्यों ऊधम तुम मचाते हो ©ayushigupta

12 Love

नाम लेकर के क़िस्मत संवारू मैं अब। अपने नयनों से तुमको निहारू मैं अब। रटते रटते तुम्हें थक गए है अधर, कृष्णा कृष्णा ही हर पल पुकारू मैं अब। ©आयुषी गुप्ता ©ayushigupta

#शायरी  नाम लेकर के क़िस्मत संवारू मैं अब। 
अपने नयनों से तुमको निहारू मैं अब। 
रटते रटते तुम्हें थक गए है अधर, 
कृष्णा कृष्णा ही हर पल पुकारू मैं अब। 
©आयुषी गुप्ता

©ayushigupta

नाम लेकर के क़िस्मत संवारू मैं अब। अपने नयनों से तुमको निहारू मैं अब। रटते रटते तुम्हें थक गए है अधर, कृष्णा कृष्णा ही हर पल पुकारू मैं अब। ©आयुषी गुप्ता ©ayushigupta

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