Saroj Bhatia

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 White कहां होता होगा ऐसा प्रेम जो आत्मा को परमात्मा से मिलाता हो, एक - एक कर उलझनों को प्रेम की डोर से सुलझाता हो।

कहां होता होगा ऐसा प्रेम जो मरण को प्राण बनाता हो, अंत की मरण अवस्था को आरम्भ बनाता हो, जीवन के अंत को अनंत तक ले जाता हो, 

कहां होता होगा ऐसा प्रेम जो निस्वार्थ भाव से निकृष्ट मन को चेतना बनाता हो, विचलित हिर्दय को उपवन से सजाता हो।

कहां होता होगा ऐसा प्रेम जो अकथित शब्दों को आत्मसात से मिलाता हो, रंगहीन जीवन को रमणिक बनाता हो। 

कहां होता होगा ऐसा प्रेम जो एकांत को स्नेही से मिलाता हो, म्लान आनन को सारंग की भांति सजाता हो। 
कहां होता होगा ऐसा प्रेम जो आत्मा को परमात्मा से मिलाता हो।

©Saroj Bhatia

# कुछ अनकही #

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 White अंनत के उस पार भी कुछ होगा क्या?
जीवन में सघर्षो के , हासिल कुछ उत्कर्षो के, जीवन
में निष्कर्षो के अंत में, अंनत के उस पार कुछ होगा क्या?

 चिंता में मोहक जीवन के , धीरज में क्षणों के, समृति में उन स्मरणो के अंत में,  अनंत के उस पार कुछ होगा क्या?

वंचित जीवन सुख के, दिवास्वप्न  में क्षणों के,
घटित होता जीवन चरणो के, भय की आतुर शंका के
 अंत में, अंनत के उस पार कुछ होगा क्या?

स्मरणों  में इन वर्णों के, ढलती देही में चक्रो के,
विवेक में खोती आनन्दमयता के, हथेली से बहते 
नीर के अंत में, अंनत के उस पार कुछ होगा क्या?

©Saroj Bhatia

# मन का संदेह #

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एक दिन बस यू हीं बात हो गयी, बातो - बातो में एक मुलाक़ात सी हो गयी, फिर बाते बारमबार हुई, एक बार में हज़ार बार हुई, बातो में तेरी हम खोने लगे धीरे - धीरे तेरे दीवाने होने लगे। ©Saroj Bhatia

#कविता #khamosh  एक दिन बस यू हीं बात हो गयी, बातो - बातो में एक मुलाक़ात सी हो गयी, फिर बाते बारमबार हुई, एक बार में हज़ार बार हुई, बातो में तेरी हम खोने लगे धीरे - धीरे तेरे दीवाने होने लगे।

©Saroj Bhatia

#khamosh dil

7 Love

नानी तेरा प्यार था कितना निराला नानी तेरा प्यार था कितना निराला। हाथो में डंडा, दिल मे प्यार का प्याला। नानी तेरा प्यार था कितना निराला। नहला-धुलाकर नये कपड़े पहनाती, सिर में बालो की कसी चोटी बनाती। तेरा हर काम मैं बिगड़ती रहती, तुझसे डांट खाती रहती। नानी तेरा प्यार था कितना निराला। हाथो मे डंडा, दिल में प्यार का प्याला। माँ की कमी कभी महसूस ना कराई। तेरे प्यार पर थी इतनी गहरी सच्चाई। खुद ना खाकर मुझे खिलाती, तरह तरह के पकवान मेरे लिए बनाती। नानी तेरा प्यार था कितना निराला। हाथो में था डंडा, दिल में प्यार का प्याला। तुमने मुझे इतना सशक्त बानाया, हर काम मुझे ऐसा बताया, ज़िंदगी में आगे बढ़ना सिखाया। नानी तेरा प्यार थे कितना निराला। हाथो में डंडा, दिल में प्यार का प्याला। ©Saroj Bhatia

#कविता #writer  नानी तेरा प्यार था कितना निराला

नानी तेरा प्यार था कितना निराला।
हाथो में डंडा, दिल मे प्यार का प्याला।
नानी तेरा प्यार था कितना निराला।

नहला-धुलाकर नये कपड़े पहनाती, 
सिर में बालो की कसी चोटी बनाती।
तेरा हर काम मैं बिगड़ती रहती, तुझसे 
डांट खाती रहती।
नानी तेरा प्यार था कितना निराला।
हाथो मे डंडा, दिल में प्यार का प्याला।

माँ की कमी कभी महसूस ना कराई।
तेरे प्यार पर थी इतनी गहरी सच्चाई।
खुद ना खाकर मुझे खिलाती, तरह तरह के 
पकवान मेरे लिए बनाती।
नानी तेरा प्यार था कितना निराला। 
हाथो में था डंडा, दिल में प्यार का प्याला।

       तुमने  मुझे इतना सशक्त बानाया, हर काम मुझे
 ऐसा बताया, ज़िंदगी में आगे बढ़ना सिखाया।
नानी तेरा प्यार थे कितना निराला।
हाथो में डंडा, दिल में प्यार का प्याला।

©Saroj Bhatia

#writer

7 Love

अंधेरा तुझमे रसा है सुरूर मेरा, तुझमे वसा है सुकून मेरा, तुम बिन न शांति मिलती, दूसरी न कोई तुम्हारे भांति मिलती, बंद कमरे में फैला है तेरा खौफ, पर मैं हुँ तुझसे पूरी वेखौफ, हर जगह सनाटा है छाया, इसने मुझको मुझसे मिलाया, घने साये से सरकती आवाजें है आती, जो मेरे मन को कभी-कभी बहुत डराती, तुझमे डूबी रहती हु, बस तुझको ही अपना कहती हुँ, मैंने खुदको तुझमे खोया, आँसुओ की बूंदो से है पलकों को भिगोया, तुझमे रसा है सुरूर मेरा, तुझमे वसा है सुकून मेरा। ©Saroj Bhatia

#कविता #alone  अंधेरा
तुझमे रसा है सुरूर मेरा, तुझमे वसा है सुकून मेरा,
तुम बिन न शांति मिलती, दूसरी न कोई तुम्हारे भांति मिलती, बंद कमरे में फैला है तेरा खौफ, पर मैं हुँ तुझसे पूरी वेखौफ, हर जगह सनाटा है छाया, इसने मुझको मुझसे मिलाया, घने साये से सरकती आवाजें है आती, जो मेरे मन को कभी-कभी बहुत डराती, तुझमे  डूबी रहती हु, बस तुझको ही अपना कहती हुँ, मैंने खुदको तुझमे खोया, आँसुओ की बूंदो से है पलकों को भिगोया, तुझमे रसा है सुरूर मेरा, तुझमे वसा है सुकून मेरा।

©Saroj Bhatia

#alone

10 Love

अरे कोई तो सुनो, अरे सुन भी लो अब यह लव्ज मेरी जुबानी नही दिल की पुकार है। अब हो गया है लम्बा अरसा दिल की बात दिल मे रखे। ©Saroj Bhatia

#ज़िन्दगी  अरे कोई तो सुनो, अरे सुन भी लो अब
यह लव्ज मेरी जुबानी नही दिल की पुकार है।
अब हो गया है लम्बा अरसा दिल की बात दिल मे रखे।

©Saroj Bhatia

दिल की अवाज़

5 Love

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