इक तेरा वसल के ना होने से फर्क कुछ खास नहीं पड़ा है मेरे तौर ए ज़िन्दगी पे।
बस इतना कि फिर से हुजूम का हिस्सा हो गया हूँ, जो ना कभी पढ़ा जायेगा ऐसा किस्सा हो गया हूँ। हर मिलने वाले के लिए ज्ञान बाटने का जरिया हो गया हूँ, ऐसा लगने लगता है कि मुझे महोब्बत आती ही ना थी जो था वो या तो अल्लढ़पन था या वैहस्त। यूं तो जमाने की बात का कोई असर नहीं है मुझपर लेकिन फिरभी कभी कभी यकीन सा होने लगता है... अब तो तुम्ही फैसला करो।
क्या... दिन भर ये दुआ करना के बस एक बार सिर्फ एक बार तुझे देख लूं और तुम्हे देखत
izhaar
नजरों की गुफ्तगू में जज़्बात बेहतर बयां होते हैं। .
.
.
Your writing skill can fill your empty wallet.
In this age of social media and virtual world like, : YOUTUBE, INSTAGRAM, FACEBOOK AND MANY, did not succeed in reducing the number of book lovers from real world.
वीरेन फाउण्डेशन अपने अधिकारिक प्रकाशक के साथ, अपनी पहली पुस्तक प्रकाशित करने जा रहा है। अतः आप सभी लेखक मित्रों से निवेदन है की अपनी अपनी रचनाएं दिनांक जल्द से जल्द अवश्य उपलब्ध करवा दें।
beshahab05@gmail.com
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here