Bhawana Pandey

Bhawana Pandey Lives in Pithoragarh, Uttarakhand, India

nature lover लेखकी तो एक आवाज हैं

https://www.instagram.com/pandey_bhawana/

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White दुःख जब अपने चरम सीमा पर होता हैं तभी कृष्णा की लीलाओं आगमन होता है जैसे प्रभु की केवल अपनी मुस्कान से ही सारे दुःख दुर कर देते हैं प्रेम की गहनता कहां कितना समझ पाये है कृष्णा की परिभाषा समझाना मतलब प्रेम को समझना वो निस्वार्थ , पवित्र प्रेम, कृष्णा का प्रतीक ये मन व्यर्थ की चिंताओं में घुला हुआ पर सूकून तो कृष्णा की आराधना में है मीरा की कृष्णा भक्ति से कितने दुःखो का निजात हुआ मीरा ने तो प्रभु की क्षरण को ही पा लिया. ©Bhawana Pandey

#Krishna #Bhakti  White दुःख जब अपने चरम सीमा पर होता हैं 
तभी कृष्णा की लीलाओं आगमन होता है 
जैसे प्रभु की  केवल अपनी मुस्कान से ही 
 सारे दुःख दुर कर देते हैं 
प्रेम की गहनता कहां कितना समझ पाये है
कृष्णा की परिभाषा समझाना 
मतलब 
प्रेम को समझना 
वो निस्वार्थ , पवित्र प्रेम, कृष्णा का 
प्रतीक 
ये मन व्यर्थ की  चिंताओं में घुला हुआ 
पर सूकून तो कृष्णा की आराधना में है 
मीरा की  कृष्णा भक्ति  से 
कितने दुःखो का निजात हुआ 
मीरा ने तो प्रभु की क्षरण को ही पा लिया.

©Bhawana Pandey

#Krishna

13 Love

White ज़िन्दगी की भाग दौड़ में बहुत कुछ छूट गया पीछे, जैसे छुट गये हम, हमारी खुशियां, लेकिन दुख हमेशा साथ रहे दुखो की कभी वफादारी कम नहीं हुई तुम्हारे लिए मेरी कहानी अलग -नजरिया एक अलग रूप है लेकिन मेरे लिए वो नजर भी और कहानी भी हमेशा एक सी रही है . ©Bhawana Pandey

#Road  White ज़िन्दगी की भाग दौड़ में  बहुत  कुछ छूट गया पीछे,
 जैसे छुट गये हम,  हमारी खुशियां, 
लेकिन
दुख हमेशा साथ रहे 
दुखो   की कभी वफादारी  कम नहीं हुई
तुम्हारे लिए मेरी कहानी अलग  -नजरिया  एक अलग  रूप है 
लेकिन मेरे लिए वो नजर भी
 और कहानी भी  हमेशा एक सी रही है .

©Bhawana Pandey

#Road

17 Love

#womeninternational #Quotes  मेरे मन की व्यथा  जानता मेरा हृदय 
खुद को खुद ही संभालता मेरा मन 
मुझमें मेरा श्रृंगार करता मन
धैर्य , सहनशीलता , मनोबल, हिम्मत 
मेरे मौन रहने की चेष्टा को नहीं 
समझ पाया है ये समाज 
जिसे वो कमजोर ,लाचार शब्द दे रहा है 
 वो समाज इस बात से अज्ञात है 
 अरसो से उसके अस्तित्व को 
कायम रखती 
अपार शक्ति का रूपक
  वो नारी  है .

©Bhawana Pandey

मेरे मन की व्यथा जानता मेरा हृदय खुद को खुद ही संभालता मेरा मन मुझमें मेरा श्रृंगार करता मन धैर्य , सहनशीलता , मनोबल, हिम्मत मेरे मौन रहने की चेष्टा को नहीं समझ पाया है ये समाज जिसे वो कमजोर ,लाचार शब्द दे रहा वो समाज इस बात से अज्ञात है अरसो से उसके अस्तित्व को कायम रखती अपार शक्ति का रूपक वो नारी है . ©Bhawana Pandey

#womeninternational #Quotes  मेरे मन की व्यथा  जानता मेरा हृदय 
खुद को खुद ही संभालता मेरा मन 
मुझमें मेरा श्रृंगार करता मन
धैर्य , सहनशीलता , मनोबल, हिम्मत 
मेरे मौन रहने की चेष्टा को नहीं 
समझ पाया है ये समाज 
जिसे वो कमजोर ,लाचार शब्द दे रहा 
 वो समाज इस बात से अज्ञात है 
 अरसो से उसके अस्तित्व को 
कायम रखती 
अपार शक्ति का रूपक
  वो नारी  है .

©Bhawana Pandey

कोई तो एक अल्फाज़ बिखरा है क्यों ये दिल बार बार टुटकर खुद को समेट रहा है एक सुबह जो उम्मीद आयी फिर क्यों वो ढलती शाम तक अंधेरे का स्वरूप बन गयी चाहते तो कभी कम नही होती और जो कम हो जाए वो चालाकियों की हवा है और ये नादन दिल कभी समझ नही पाया. ©Bhawana Pandey

#Preying  कोई तो एक अल्फाज़ बिखरा है 
क्यों  ये दिल बार बार  टुटकर  खुद को 
समेट रहा है 
एक  सुबह जो उम्मीद आयी
  फिर 
 क्यों
 वो ढलती  शाम  तक अंधेरे  का स्वरूप बन गयी 
चाहते  तो कभी कम नही होती
और जो कम हो जाए वो चालाकियों की 
हवा है
और
ये
नादन दिल  कभी समझ नही पाया.

©Bhawana Pandey

#Preying

17 Love

 वो बेपरवाह सी सुबह 
ओश की बूंदों  को अपने आप में समेटें
वो हल्की सी नमी
 बीते वक्त का हिसाब लिखती 
मेरा हर एक भाव कीमती था
मेरा वो वक्त भी कीमती था
कैसे  वो गैरों के नाम हो गया
जज़्बाती दिल समझ न पाया 
क्यों बेपरवाह सा दिलो का मोहताज हो गया
वो पहचान खुद को आईने में तलाश रही हैं 
खुद का अस्तित्व खोजती 
उस बेपरवाह सुबह से लड़ रही हैं
Bhawana pandey

©Bhawana Pandey

#@bhawanapandrysnowmountain

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